OIS का full form Optical Image Stablization होता है । वहीं EIS का full form Electrical Image Stablization होता है ।
लेकिन फूल फॉर्म से इन दोनों टर्म का मतलब तो समझ में नहीं आता है । आप मोबाइल यूज करते होंगे । जब आप कोई वीडियो रिकॉर्ड करते हैं तो क्या वीडियो में कम्पन भी होती है ? जब आप दौर कर वीडियो रिकॉर्ड करते होंगे तो कंपन तो होती ही होगी । इस कंपन को दूर करने के लिए मोबाइल कंपनी अपने मोबाइल के कैमरा में OIS या EIS देती है। या दोनों देती है ।
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OIS और EIS में बहुत फर्क है। इमेज को स्टेबल करने के लिए जब मोबाइल में ऐसे लेंस लगया जाता है जो फिक्स नहीं हो फ्लोट करते रहें जैसे मेरे आखों की पुतली फ्लोट करते रहते हैं । ये हार्डवेयर सॉल्यूशन है इमेज को स्टेबल करने का । इस हार्डवेयर को लगाने में ज्यादा रुपैया लगता है। इसलिए OIS का सुपोर्ट कम प्राइस के मोबाइल में देखने को नहीं मिलता है ।
मैं नीचे कुछ मोबाइल का लिस्ट दे रहा हूँ जिसके कैमरा में OIS का सपोर्ट है। सभी कैमरा में OIS का सुपोर्ट फ्लैगशिप मोबाइल में ही देखने को मिल सकता है ।
और भी मोबाइल्स है 30000 के अंदर में भी मिल जाएगा हो सकता है 20000 के अंदर में भी देखने को मिले ।
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EIS( इलेट्रिकल इमेज स्टेब्लिजेसन) क्या होता है
EIS भी इमेज को ही स्टेबल (स्थायी) करता है । जिससे इमेज बहुत स्मूथ रन करता है । EIS का सपोर्ट कम प्राइस के मोबाइल में भी दिया जा सकता है या जिस मोबाइल में नहीं है उसमें सॉफ्टवेयर अपडेट के मदद से कैमरा में EIS का सुपोर्ट दिया जा सकता है । EIS का सपोर्ट गयरोस्कोप सेंसर वाले मोबाइल में सपॉर्ट करता है ।
वैसे गयरोस्कोप सेंसर लागभग सभी मोबाइल्स में दिया जाता है । चिपसेट थोड़ा पॉवरफुल रहना चाहिए । क्योंकि जब वीडियो रिकॉर्ड किया जाता है तब उस वीडियो का प्रोसेस होता है और उसे स्टेबल बनाया जाता है । वैसे इमेज स्टेब्लिजेसन के लिए बहुत सारे एप्लीकेशन में आता है लेकिन ये एप्पलीकेशन वीडियो की क्वालिटी को नीचा कर देता है ।
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